हमारा संविधान,
जिस लूट की इजाजत नही देता,
हम उसे भ्रष्टाचार कहते है।
हमारा संविधान,
जिस लूट की इजाजत देता है,
हम उसे मुनाफा सूद और लगन कहते है।
हम मजदुर गरीब किसान,
दोनों ही लूट की कब्र खोदे गे
अपने पार्टी प्रोग्राम में खुलेआम हम ऐलान करते है।
साम्राज्यवादी पूंजीपति जमींदार हमें
भले ही राष्ट्रद्रोही, आतंकवादी हत्यारा कहे
समस्त मिहनत कस जन गन हमें लालसलाम कहते है।
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२ टिप्पण्या:
lal salam bhai.aag bujhne mat dena.
अंतरजाल के संसार में हार्दिक अभिनन्दन.
आपकी रचनात्मक मेघा सराहनीय है.
हमारी शुभ कामनाएं.
कभी समय मिले तो इस तरफ भी आयें, और हमारी मुर्खता पर हंसें.
http://hamzabaan.blogspot.com/
http://shahroz-ka-rachna-sansaar.blogspot.com/ http://saajha-sarokaar.blogspot.com/
सटीक लिखा है आपका हार्दिक स्वागत है समय निकाल कर मेरे ब्लॉग पर भी दस्तक दें
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